बिजनेस कोई भी हो उसके फायदे भी होंगे नुकसान भी होंगे। इसी तरह “शेयर बाजार के फायदे और नुकसान” दोनों होते हैं। आपको ये पता होना चाहिए कि आप जिंदगी में कोई भी काम करेंगे तो उसमें risk और reward दोनों शामिल होंगे। वैसे तो शेयर बाजार एक ऐसा एकमात्र बिजनेस है जहाँ नुकसान से ज्यादा तो फायदे ही फायदे हैं। लेकिन फिर भी हमारा फ़र्ज़ है आपको फायदे और नुकसान दोनों बताना। तो चलिए विस्तार से जानते हैं शेयर मार्किट में काम करने से क्या फायदे और नुकसान होते हैं।
अगर आप शेयर बाजार में अभी नए हैं और शेयर बाजार में काम करने के इच्छुक हैं तो आपको शेयर बाजार के जोखिम और फायदे दोनों जानने जरूरी हैं। सबसे पहले हम शेयर बाजार के फायदों के बारे में जानेंगे। क्यूंकि अगर आप जोखिम लेना जानते हैं तो आपको नुकसान से ज्यादा फायदों में ज्यादा दिलचस्पी आएगी।
शेयर बाजार के फायदे
ज्यादा रिटर्न का फायदा: शेयर बाजार का सबसे बड़ा फायदा यही है कि आप अपनी skill के दम पर अच्छा return ले सकते हैं। शेयर बाजार जितना return आपको शायद ही कोई दूसरा बिजनेस दे पाए। अगर बात करें FD कि तो यह भी सालाना आपको 7% तक ही return देती है। जबकि इतना तो शेयर बाजार एक दिन में ही देने कि क्षमता रखता है।
Liquidity का फायदा: शेयर बाजार में ज्यादा लिक्विडिटी होने की वजह से आपको शेयर्स खरीदने बेचने में आसानी होती है। अगर आप एक दुकान भी करते हैं तो आपको वहां सामान बेचने की चिंता रहेगी। लेकिन शेयर बाजार में ऐसा नहीं होता। जो आपने ख़रीदा है उसे आप कभी भी बिना देरी के बेच सकते हैं। और जहाँ खरीदना बेचना आसान हो वहां बिजनेस करने का मजा ही कुछ और है।
Regulation का फायदा: शेयर बाजार को भारत सरकार के SEBI विभाग द्वारा नियंत्रित किया जाता है। और सेबी का कार्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना और किसी भी तरह की गलत गतिविधियों को रोकना होता है। इसलिए आपको इस बात की चिंता नहीं है कि आपके पैसे कोई लेकर भाग जायेगा। सेबी ने ब्रोकर्स पर काफी नियंत्रण रखा हुआ है। आपकी मर्जी के बिना ब्रोकर्स आपके शेयर के साथ छेड़खानी नहीं कर सकते।
Transparency का फायदा: शेयर बाजार में अब इतनी पारदर्शिता आ गई है कि आप ब्रोकर के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग सिस्टम के द्वारा किसी भी शेयर को खरीद या बेच सकते हैं। यहाँ तक कि आपको ख़रीदा हुआ शेयर कितने भाव पर बेचना है उसका आर्डर भी आप लगा सकते हैं। ऑनलाइन ट्रेडिंग सिस्टम होने की वजह से ट्रेडर्स का काफी फायदा हुआ है। सब कुछ आपके कंट्रोल में रहेगा ये आपकी ट्रेडिंग कॉस्ट को कम करता है।
Backend अकाउंट तक पहुँच: आपका demat खाता एक तरह से बैंक खाते की तरह होता है। आपके पास कितना कैपिटल है और आपके पास कोनसे शेयर्स हैं इसकी जानकारी आपको आपने ऑनलाइन demat खाते से मिल जाती है। भविष्य में आप अपने पैन कार्ड के माध्यम से कभी भी अपने खाते की जानकारी निकाल सकते हैं। कुल मिलाकर बात ये है कि आपने क्या और कहाँ निवेश किया है ये जानकारी आप कभी भी निकाल सकते हैं।
Part Ownership का फायदा: यदि आपको कोई कंपनी अच्छी लगती है और आपको उसका भविष्य भी अच्छा लगता है तो आप अगर उसके शेयर्स खरीदते हैं तो आपको उस कंपनी में part ownership मिलती है। यानि आप उस कंपनी के मुनाफे और घाटे दोनों के भागीदार हो जाते हैं। और part ownership मिलने से आपको भी काफी अच्छा महसूस होता है। आपको किसी बड़ी कंपनी में नौकरी आसानी से नहीं मिल सकती लेकिन आप उसके शेयर्स खरीद कर कुछ हिस्से के मालिक जरूर बन सकते हैं।
वोटिंग का अधिकार: यदि आप किसी कंपनी का एक शेयर भी खरीद लेते हैं तो यकीन मानिये आपके पास वोट करने का अधिकार भी साथ आएगा। यानि कंपनी जब भी कोई निर्णय लेगी तो वो अपने निवेशकों को वोट के जरिये उनके विचार रखने का मौका भी देगी। और कई बार ऐसा भी हुआ है कि निवेशकों के निर्णय की वजह से कंपनी गलत फैंसले लेने से बच जाती है जो कंपनी के हित में नहीं होते।
शेयर बाजार के नुकसान
High Volatility, ज्यादा उतार चढ़ाव : शेयर बाजार का यही सबसे बड़ा जोखिम है कि यहाँ उतार चढ़ाव बहुत होते हैं। इसको हम ट्रेडिंग की भाषा में हाई वोलैटिलिटी भी बोलते हैं। एक दिन में शेयर्स के भाव 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ भी जाते हैं और गिर भी जाते हैं। आसान भाषा में कहें तो बहुत उथल पुथल शेयर बाजार में चलती रहती है। बिना ज्ञान के कुछ निवेशक एक ही दिन में अपना पूरा कैपिटल गँवा बैठते हैं।
न्यूज़ का असर: शेयर बाजार को बाहरी चीजें भी काफी प्रभावित करती हैं। यदि कोई नेगेटिव या पॉजिटिव न्यूज़ आ जाए तो तुरंत उसका प्रभाव शेयर्स में भी देखने को मिलता है। बजट, कंपनी के नतीजे और जीडीपी जैसे फैक्टर शेयर बाजार को काफी प्रभावित करते हैं।
प्राथमिकता में कमी: कंपनी को यदि लाभ होता है तो उस लाभ में सबसे आखिरी हिस्सा शेयर निवेशकों को मिलता है। निवेशकों से पहले कंपनी के कर्मचारी, लेनदार और इंफ्रास्ट्रक्चर को रखा जाता है। अगर आप ध्यान से बिजनेस को समझें तो इसमें कोई ज्यादा दिक्कत वाली बात भी नहीं है। यदि आपने अच्छी कंपनी में निवेश किया है तो आपको इस बात से ज्यादा दिक्कत भी नहीं होगी।
Emotional Decisions : ज्यादा वोलैटिलिटी की वजह से शेयर के भाव तेजी से ऊपर नीचे होते रहते हैं। नए निवेशक इस उम्मीद में बैठते हैं कि उन्होंने जो शेयर ख़रीदा है उसका भाव ऊपर जायेगा। लेकिन भाव तेजी से नीचे आने की वजह से वे घबरा कर शेयर को घाटे में बेच देते हैं और उसके बाद उसी शेयर का भाव ऊपर भी चला जाता है। इसलिए इमोशंस की वजह से यहाँ काफी लोग नुकसान कर बैठते हैं।
ज्यादा ब्रोकरेज: आपको कोई भी शेयर खरीदने के लिए ब्रोकर की जरूरत होती है और वो ब्रोकर आपसे ब्रोकरेज शुल्क लेता है। नए निवेशकों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि वे लोग कम ज्ञान की वजह से शेयर बाजार में काम करते हैं और अपनी ब्रोकरेज शुल्क को बढ़ा लेते हैं जहाँ उन्हें ज्यादा नुकसान झेलना पड़ता है। यदि आप ब्रोकरेज शुल्क पर ध्यान नहीं देंगे तो आपको मुनाफा करना मुश्किल हो जायेगा।
जागरूकता की कमी : भारत में अभी शेयर बाजार को लेकर इतनी जागरूकता नहीं है। लोग शेयर बाजार सीखने की बजाय टिप्स और दूसरों के कहने पर निवेश करने लगते हैं और नुकसान कर बैठते हैं। ज्ञान कम होने और जागरूकता ना होने की वजह से भी नए निवेशक नुकसान करते हैं।
Taxation: यदि आप शेयर बाजार में काम करते हैं तो आपको ब्रोकरेज, टैक्स से निपटना पड़ता है। जब आप शेयर बाजार में काम करने लगेंगे तो आपको टैक्स काफी ज्यादा लगेंगे। लेकिन अगर किसी दूसरे बिजनेस की बात करें तो आपको शेयर बाजार में नेट मार्जिन फिर भी अच्छा मिल जाता है। आपको ट्रेडिंग पर लगने वाले टैक्स,ब्रोकरेज से अलग capital gain पर 10 से 15 प्रतिशत तक टैक्स देना पड़ता है। शेयर बाजार के अधिक ज्ञान से इस समस्या को कम किया जा सकता है।
Conclusion:
हमें उम्मीद है अब आप अच्छे से शेयर बाजार के फायदे और नुकसान जान गए होंगे। हर काम के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं लेकिन अगर आप नुकसान की तरफ ध्यान ना देकर अगर फायदों के बारे में देखेंगे तो आपको आगे बढ़ने में आसानी होगी। जो लोग नुकसान को पहले देखते हैं उन्हें फैंसले लेने में कठिनाई होती है। शेयर बाजार एक ऐसा प्रोफेशन है जहाँ आप अपने ज्ञान के माध्यम से कुछ भी कर सकते हैं। आप हमारा Stock Market Kya Hai वाला लेख पढ़ सकते हैं और जान सकते हैं कि आप कैसे स्टॉक मार्केट में शुरुआत कर सकते हैं
शेयर मार्केट से क्या फायदा होता है?
ज्यादा लिक्विडिटी होने की वजह से निवेशकों को किसी भी शेयर को खरीदना या बेचना आसान होता है। शेयर बाजार से आप अधिक return निकाल सकते हैं।
भारत में शेयर बाजार कौन चलाता है?
भारत में शेयर बाजार को SEBI (Securities exchange board of india) द्वारा चलाया जाता है जिसकी स्थापना 1992 में हुई थी।
क्या शेयर मार्केट से पैसा कमा सकते हैं?
Yes, बिलकुल आप स्टॉक मार्केट का अधिक ज्ञान अर्जित करके पैसा कमा सकते हैं।
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